बढ़ती ब्याज दरों, रिटेल लोन के विस्तार और कर्ज की गुणवत्ता में सुधार से इस साल बैंकिंग क्षेत्र के कई शेयरों ने व्यापक बाजार सूचकांक से बेहतर प्रदर्शन किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोई बड़ा वृहद-आर्थिक झटका नहीं लगता है, तो यह तेजी आगे भी जारी रहेगी। वर्ष 2022 की शुरुआत से अबतक बीएसई बैंक सूचकांक पांच प्रतिशत बढ़ा है। इसके उलट बीएसई के मानक सूचकांक सेंसेक्स में करीब चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे कुछ प्रमुख बैंकिंग शेयरों में तो 30-40 प्रतिशत तक की तेजी आई है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
विश्लेषकों ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र को अर्थव्यवस्था के ‘मदर सेक्टर’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि बैंकों का बेहतर प्रदर्शन अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर दिनों का संकेत देता है लेकिन जब अर्थव्यवस्था खराब होती है तो बैंकिंग क्षेत्र को तगड़ी चोट लगती है।
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NPA में हुआ है सुधार
बैंकों के गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) परिदृश्य में भी सुधार हुआ है और कॉरपोरेट कर्जदारों की तरफ से चूक के बड़े मामले भी सामने नहीं आए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों की मानें तो बैंकिंग क्षेत्र के लिए चीजें खराब होने के भी कुछ संकेत मौजूद हैं, जो ज्यादातर बैंकों के तिमाही नतीजों में देखने को भी मिले हैं।
एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत कबी ने कहा कि कुछ बैंकों ने बढ़ती ब्याज दर को ध्यान में रखते हुए काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और एसबीआई ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया है। हालांकि, एचडीएफसी बैंक का प्रदर्शन विलय और मार्जिन की समस्या के कारण कमतर रहा है।’’